क्या उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकाण्ड को देश में आईएसआईएस अथवा तालिबानी क्रूरता के प्रवेश का संकेत है? आज पुलिस व न्यायालय दोनों के प्रति विश्वास डगमगाया है। अब हम सबको अपने अस्तित्व के लिए, भारत को बचाने के लिए स्वयं आगे आना होगा। संगठन केवल श्मशान वैराग्य की भाँति सिद्ध न हो जाए, बल्कि हिन्दुओं को कथित जातिवाद व निजी स्वार्थी के दुःखद जाल से पूर्णतः मुक्त होकर अपनी रक्षा स्वयं करने तथा एक दूसरे की त्वरित सहायता के लिए सदैव तत्पर रहना होगा। दुर्भाग्यवश हम आर्य से हिन्दू हो गये और अब कोई हिन्दू नहीं है, बल्कि यहाँ केवल कथित जातियाँ ही रह गयी हैं, तो कथित प्रबुद्ध लोग आज इण्डियन हो चुके हैं।
भारत के मुसलमानों को यह आत्मनिरीक्षण करना होगा कि उनमें जो रक्त बह रहा है, वह किसका है? उनका डीएनए भारतीय है वा विदेशी? क्या मजहब बदलने से कभी रक्त वा डीएनए बदल सकता है? तब उन्हें अपने व पराए का स्वयं बोध हो जायेगा। उन्हें पाकिस्तान, अफगानिस्तान व सीरिया जैसे देशों की स्थिति के लिए जिम्मेदार विचारधारा को पहचानना होगा। क्या आप अशफाक उल्ला खाँ, अब्दुल हमीद व ए.पी.जे अब्दुल कलाम को आदर्श मानोगे?
भारत के सभी राजनैतिक दलों, भारत वा विश्व के न्यायवेत्ताओं व मानवतावादियों को इन प्रश्नों के उत्तर अवश्य ढूँढने होंगे –
- भारत में किस दल के शासन में साम्प्रदायिक दंगे अधिक हुए?
- हिन्दू बहुल क्षेत्रों में अल्पसंख्यकों की स्थिति कैसी है, उधर मुस्लिम वा ईसाई बहुल क्षेत्रों में हिन्दुओं की स्थिति क्या है? दोनों में तुलना करनी होगी।
- सभी पूजा स्थलों (मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च आदि) की जाँच की जाए कि कहीं उनमें हथियार वा आपत्तिजनक साहित्य तो नहीं है?
- इसी प्रकार सभी भारतीयों के घरों की भी जाँच की जाए।
- सभी के मजहबी शिक्षण स्थलों व पाठ्यक्रमों की जाँच की जाए कि कहीं कोई देशविरोधी शिक्षा वा हथियारों के अड्डे तो नहीं हैं?
- सभी के ग्रन्थों को पढ़कर उनमें से हिंसा, वैर, भेदभाव, छूआछूत आदि को बढ़ाने वाले प्रसंगों को निकाला जाए। ऐसे प्रसंग मिलने पर उनके विद्वानों से सार्वजनिक स्पष्टीकरण मांगा जाए।
- सभी सम्प्रदायों से जुड़े व्यक्तियों के देश के स्वतन्त्रता संग्राम व विकास में योगदान के अनुपात की जाँच की जाए। इससे सबकी देशभक्ति की परख हो जायेगी।
- किस समुदाय के लोग दूसरे सम्प्रदायों के प्रति कितने सहनशील रहे हैं, इसकी भी निष्पक्ष जाँच की जाए। भाईचारे का नारा देने वाले नेता किस सम्प्रदाय से सम्बन्ध रखते हैं?
- किस सम्प्रदाय के लोग विदेश के लिए अपने देश की जासूसी करते हैं वा करते रहे हैं, इसकी सूची सार्वजनिक की जाए।
- किस समुदाय के लोग भारतीय संविधान का अधिक सम्मान करते हैं, इसे भी परखा जाए।
- किस विचारधारा के लोग देश के संविधान से अपनी मजहबी मान्यताओं को अधिक महत्व देते हैं तथा संविधान को चुनौती देते हैं वा देते रहे हैं?
- किस विचारधारा के लोग अधिक बर्बर व कलहप्रिय होते हैं, इसकी भी जाँच की जाए।
- किस समुदाय के महापुरुष कहे जाने वालों के विरुद्ध अन्य सम्प्रदाय वालों के द्वारा अधिक घृणित शब्दों का प्रयोग किया जाता रहा है? और कौन प्रथम व अधिक विषवमन करता है?
- किस सम्प्रदाय में राष्ट्र, सेना, प्राचीन इतिहास व संस्कृति के प्रति निष्ठा अधिक है?
- किस-किस सम्प्रदाय के आक्रान्ताओं ने भारत सहित अनेक देशों पर आक्रमण किए? इसमें कितने लोग मारे गये?
- किस सम्प्रदाय की बहुलता वाले क्षेत्र पाकिस्तान में गये और आज भी कौन लोग भारत विरोधी नारे लगाते हैं?
- किस सम्प्रदाय के लोग साम्प्रदायिक दंगों में अधिक लिप्त रहे हैं? राजनेताओं व मीडिया द्वारा आतंकवादियों को धर्मविशेष के लोग बताया जाता है, वह धर्मविशेष क्या है और उसका आधार ग्रन्थ क्या है?
- विश्व के अधिकांश आतंकवादी किस सम्प्रदाय से जुड़े हैं? और इसके पीछे मुख्य कारण क्या है?
- विश्व के सभी सम्प्रदाय कैसे संसार में फैले? इसकी जाँच भी करना। वे अपने चरित्र व ज्ञान के बल पर अथवा तलवार व बन्दूक के बल पर संसार में फैलते रहे?
अन्त में सबको इस बात पर भी विचार करना होगा कि कट्टरता की इन बढ़ती घटनाओं का कुछ सम्बन्ध कहीं उन वैश्विक शक्तियों से तो नहीं हैं, जो सम्पूर्ण विश्व पर एकछत्र शासन करना चाहती हैं? इसके साथ ही क्या स्वयं को एकमात्र मानव समझ कर एक सत्यधर्म की खोज करने हेतु प्रीतिपूर्वक संवाद एवं कट्टरपंथियों को कठोरतम दण्ड देने के लिए हम सभी एक नहीं हो सकते? क्या हम इतना भी नहीं समझते कि संसार के किसी भी प्राणी में ऐसा क्रूर व्यवहार नहीं देखा जाता, जैसा कि आज इन कट्टरपंथियों का हो गया है। क्या हम पशुओं से भी नहीं सीख सकते?
-आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक