
इस मन्त्र में उपदेश किया गया है कि वह परमपिता परमेश्वर अपनी व्यप्ति से जीवात्मा रूपी इन्द्र का मित्र है। हे मनुष्यो! उस सर्वव्यापक परमात्मा के कर्मों को देखो और
इस मन्त्र में उपदेश किया गया है कि वह परमपिता परमेश्वर अपनी व्यप्ति से जीवात्मा रूपी इन्द्र का मित्र है। हे मनुष्यो! उस सर्वव्यापक परमात्मा के कर्मों को देखो और
Please Sign! This Petition To, Honourable General Secretary, United NationsNew York, United States of America Topic – Agenda 2030 Sir,It is requested within the above subject that by reading Vision 2030 published
After five thousand years, again in the last 150-200 years, science and technology have made unprecedented development in the world, and man’s life has completely changed. The reason for this
हिमालय इस भूमंडल का एक सर्वाधिक पवित्र पर्वत रहा है। यह देव भूमि व ऋषियों की तपःस्थली के रूप में सर्वत्र विख्यात रहा है। इस महान् नगराज ने अपनी पवित्र
जीव विज्ञान जहाँ समाप्त होता है, वहाँ भौतिक विज्ञान प्रारम्भ होता है, जहाँ भौतिक विज्ञान समाप्त होता है, वहाँ वैदिक भौतिकी का प्रारम्भ होता है और जहाँ वैदिक भौतिकी समाप्त
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